Desh Bhakti shayari: आजादी की शायरी

  • देश भक्ति शायरी

देता हूं बधाई सभी को आजादी के दिवस की

सैल्यूट है उन्हे जिन्होंने बाजी लगा दी थी सीस की

बार बार करता हूं नमन उन योद्धाओं को

देकर लहू जिन्होंने सर जमीं सींच दी

Desh Bhakti shayari









सर झुकता नहीं है अपना हर किसी के सामने 

सर झुकता है तो बस तिरंगे के सामने 

Desh Bhakti shayari








आजादी यूंही नही मिली जनाब बड़ी कीमत चुकाई है

पुरखों ने मेरे देकर लहू ये जमीं बचाई है

Desh Bhakti shayari












सभी देश वासियों को स्वतंत्र दिवस की लख लख बधाइयां


नमन करता हूं सभी आजादी के वीरों को

नमन है उनकी बंदूकों ओर समसीरों को

Desh Bhakti shayari







यूं तो हीरो बना अब हर कोई फिरता है

पर भगत सिंह जैसा हीरो अब कहां दिखता है

Desh Bhakti shayari







हवाएं ये पैगाम लाई है

देखो आजादी की शाम आई है

Desh Bhakti shayari







तेरे इश्क के सदके मैं सो बार जावां

तेरे नाम मैं अपनी जिंद कर जावां

ए वतन मेरे जो मोका मिले साहिदी का

तो सबसे पहले मैं मर जावां


आजादी का दिन है आज खुशियां मनाओ

झूमो नाचो गाओ दीप जलाओ


 उठो हवाओं का ये पैगाम आया है

 सैल्यूट करो उठकर तिरंगा लहराया है

Desh Bhakti shayari







मुबारक हो सभी को आजादी की शाम आई है

खुशनसीब है वो जींद जो वतन के काम आई है

Desh Bhakti shayari







खुदा करे की लहू मेरा वतन के काम आ जाए

हो जरूरत गर कुरवानी की 

तो मेरा नाम आ जाए

Desh Bhakti shayari
















Deepak Dhindoli की तरह से सभी देश वासियों को स्वतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई।

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