Hindi best shayari: हिन्दी शायरी
गरीबी
ए खुदा ये नाइंसाफी क्यूं की
मुझे पूछे बिना ही मेरी किस्मत लिखदी
किसी को दिया सब कुछ तुमने
और मेरे लिए समय पर दो रोटी भी ना लिखी
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दोस्ती
अपदोस्त जिंदगी का हिस्सा होते हैं
कभी ना जो भूलें ऐसा किस्सा होते हैं
मां बाप, घर वालों से जो छुपाई जाती हैं
दोस्त उन सब बातों का हिस्सा होते हैं।।
कश्ती
इन शांत से समुंद्रों ने ही डूबोया है मेरी कश्ती को
मासूम से दिखने वालों ने ही मिटाया है मेरी हस्ती को
पर ऐसा नहीं है कि मैंने चलना छोड़ दिया है
मैं हर रोज ले जाता हूं लहरों में अपनी कश्ती को
माझी हूं तेरी राहों का
मै माझी हूं तेरी राहों का हर रोज निकलता हूं
तेरी यादों की लहरों में मै हर बार उलझता हूं
पहुंचता हूं साहिल पर सो बार फिसलता हूं
सोचता हूं कि पा ही लूंगा एक रोज तुम्हे
मै इसी उम्मीद में तेरी ओर हर रोज निकलता हू
चांद चकोर
तू चांद सी चमकती हुई
मै चकोर सा फड़फड़ाता हुआ
भरता हूं उड़ान बार बार तुम्हे पाने को
पर कहां पा पाता हूं
तभी तो तू चांद है, मैं चकोर कहलाता हूं।।
Kya bat hai
जवाब देंहटाएंBahut khub
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